Friday, 23 December 2016

Tantrik Baba - Tantra - Mantra Sadhna , Strong Powerful Vashikaran Prayog: जड़ी-बूटियों के 10 चमत्कारिक टोटके

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जड़ी-बूटियों के 10 चमत्कारिक टोटके

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जड़ी-बूटियों के 10 चमत्कारिक टोटके:-  

जड़ी-बूटियां बहुत चमत्कार‍िक होती है। यह जहां स्वास्थ्य के लिए हितकारी है वहीं इनके कई चमत्कारिक प्रयोग भी प्राचीनकाल से किए जाते रहे हैं। तांत्रिक कर्म में भी जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है 
हम आपको बताने वाले हैं ऐसी जड़ी-बूटियों के ऐसे 10 प्रयोग के बारे में जिनको जानकर आप सचमुच ही हैरान रह जाएंगे। आपके जीवन की कोई भी समस्या हो उसका समाधान तुरंत ही हो जाएगा।

धन-समृद्धि हेतु :
*हरसिंगार का बांदा:- हरसिंगार के बांदे को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखेंगे तो धन का अभाव समाप्त हो जाएगा।
* शंखपुष्पी की जड़:- शंखपुष्पी की जड़ रवि-पुष्य नक्षत्र में लाकर इसे चांदी की डिब्बी में रख कर घर की तिरोरी में रख लें। यह धन और समृद्धि दायक है।
* बहेड़ा की जड़ : पुष्य नक्षत्र में बहेड़ा वृक्ष की जड़ तथा उसका एक पत्ता लाकर पैसे रखने वाले स्थान पर रख लें। इस प्रयोग से घर  में कभी भी दरिद्रता नहीं रहेगी।
मदार की जड़ : रविपुष्प नक्षत्र में लाई गई मदार की जड़ को दाहिने हाथ में धारण करने से आर्थिक समृधि में वृद्धि होती हैं।
* दूधी की जड़ : सुख की प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर शरीर  में लगाएं।
* बरगद का पत्ता : अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न भंडार में रखें। भंडार हमेश भरा रहेगा।
इसके अलाव धन हेतु बरगद अथवा बड़ के ताजे तोड़े पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बना कर पुष्य नक्षत्र में घर में रखें।
श्वेत अपराजिता : श्वेत अपराजिता का पौधा दरिद्रनाशक माना जाता है। श्वेत आंकड़ा, शल और लक्ष्मणा का पौधा भी श्वेत अपराजिता के पौधे की तरह धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। इसके सफेद या नीले रंग के  के फूल होते हैं। जीवक नाम का पौधा भी ऐश्वर्यदायिनी होता है।
सफेद पलाश का पौधा : पलाश अक्सर पीला और सिंदूरी होता है, लेकिन सफेद पलाश बहुत ही दुर्लभ माना गया है। लोगों का मानना है कि यह फूल चमत्कारी होता है। लोग इसे श्रद्घा और विश्वास के साथ घर लाकर पूजन कक्ष में स्थापित करते हैं। तंत्र शास्त्र में इस वृक्ष के फूल से यंत्र बनाने का प्रयोग बताया गया है, जो धन लक्ष्मी के लिए कारगर बताया गया है।
धतूरे की जड़ : धतूरे की जड़ के कई तां‍त्रिक प्रयोग किए जाते हैं। इसे अपने घर में स्थापित करके महाकाली का पूजन कर 'क्रीं' बीज का जाप किया जाए तो धन सबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।  
शत्रुनाश हेतु : 
*नीम का बांदा:- नीम के बांदे को अपने दुश्मन से स्पर्श करा दें तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।
*चमेली की जड़ : अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु भी मित्र हो हो जाएंगे। विष्णुकांता का पौधा भी शत्रुनाशक होता है।
*बरगद का बांदा:- यह बांदा बाजू में बांधने से हर कार्य में सफलता मिलती है और कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता।
मंगल्य : मंगल्य नामक जड़ी भी तांत्रिक क्रियानाशक होती है।
* धतूरे की जड़ : अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
भूतादि ग्रह बाधा निवारक : भोजपत्र ग्रह बाधाएं निवारक होता है। इसके अलावा अनार का बांदा गुंजा भूदादि नाशक होती है।
* बहेड़ा की जड़ : पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े का पत्ता लाकर घर में रखें, घर पर.ऊपरी हवाओं के प्रभाव से मुक्त रहेगा।
*अनार का बांदा:- बांदे को रखने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती और न ही भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश होता है।
श्‍वेत, रक्त और काली गुंजा: यह जड़ी भूत एवं पिशाचनाशक, नजरदोष, वशीकरणनाशक मानी गई है। इसके अलावा तापसद्रुम को भी भूतादि ग्रह निवारक माना गया है। गुंजा तीन रंगों की होती है। सफेद गुंजा का प्रयोग तंत्र.तथा उपचार में होता है, न मिलने पर लाल गुंजा भी प्रयोग में ली जा सकती है। परंतु काली गुंजा दुर्लभ होती है।
काले धतूरे की जड़:- इसका पौधा सामान्य धतूरे जैसा ही होता है, हां इसके फूल अवश्य सफेद की जगह गहरे बैंगनी रंग के होते हैं तथा पत्तियों में भी कालापन होता है। इसकी जड़ को रविवार, मंगलवार या   किसी भी शुभ नक्षत्र में घर में लाकर रखने से घर में ऊपरी हवा का असर नहीं होता, सुख -चैन बना रहता है तथा धन की वृद्धि होती है।


Thursday, 7 July 2016

वृक्षों का ज्योतिषीय महत्व

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वृक्षों का ज्योतिषीय महत्व : 

फल और फूल तो सभी के उपयोग में आते ही हैं, पर इनकी छाल, तना, जड़ तक उपयोग में आते हैं, जहां तक कि इनको श्रद्धापूर्वक नमन करने मात्र से जीवन की विभिन्न कठिनाईयां सुगमता से दूर हो जाती है, और विधि विधान से पूजा करने पर तो मनोकामनाएं भी सिद्ध हो जाती है फिर क्यों नहीं हम इनसे अपने आपको जोड़ते हैं, कुछ वृक्षों से सभी के जीवन की उभय परेशानियां का हल नीचे उल्लेखित करता हूं, जिससे पाठकों का जीवन तो सहज होगा ही साथ में उन्हें पुण्य लाभ की भी प्राप्ति होगी। वृक्ष जीवन के हर मोड़ पर मनुष्य का साथ देते हैं, पर क्या हर मनुष्य वृक्षों के बारे में किसी भी मोड़ पर सोचता है? वनस्पति में प्रभू की क्या लीला समाहित हें अभी तक समझ से परे हैं, पर हमारे ऋषि मुनियों ने इनके कुछ दिव्य गुणों का अनुभव किया है। इन उपायों में साधक की पूर्ण श्रद्धा, भक्ति और विश्वास का होना परम आवश्यक है। यदि कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो या उत्तम योग्य वर की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो और जिनकी जन्म कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12 भाव में मंगल शनि या राहु स्थित हो, उन्हें कन्या के द्वारा विष्णु मंदिर में बृहस्पतिवार के दिन आंवले और पीपल वृक्ष का रोपड़ कर 21 दिन तक वृक्ष के समीप दीपक प्रज्ज्वलित करें तो निश्चित रूप से सुयोग्य वर की शीघ्र प्राप्ति के योग बनते हैं। पति-पत्नी में तनाव की परम सीमा विवाद से होती हुई तलाक तक पहुंच जाती हैं। कई बारे ऐसी स्थिति में तंत्र शास्त्र व ज्योतिष में भी कारण पकड़ से बाहर लगता है, तनाव की स्थिति सुख, शांति को खत्म कर तलाक तक की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसके निवारण के लिये पति-पत्नी को संयुक्त रूप से शिव मंदिर में पीपल और बरगद वृक्ष का रोपड़ सोमवार के दिन करने पर आपसी मतभेद समाप्त होकर आपसी प्रेम व सामंजस्य बनता है। व्यापार में हो रही लगातार हानि को दूर करने, लक्ष्मी देवी व कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिये सीताफल और अशोक के वृक्ष को शुक्रवार के दिन देवी मंदिर में लगावें। निश्चित रूप से व्यापार में निरंतर वृद्धि के योग बनेंगे। यदि किसी घर में व्यक्ति को भूत-प्रेत का भय हो या परिवार के किसी व्यक्ति को प्रेत बाधा की परेशानी हो तो अनिष्ट प्रभाव की समाप्ति के लिये शिव मंदिर में सोमवार के दिन कटहल का वृक्ष रोपड़ कर तेल का दीपक लगाकर प्रार्थना करें- ”आप दिव्य शक्तियों के साथ मेरी तथा मेरे परिवार की रक्षा करें।“ कटहल की एक पत्ती ले जाकर घर के मुख्य द्वार पर लगा दें, तथा लगातार 21 दिन समयानुसार वृक्ष के समीप तेल का दीपक लगायें। इसके प्रभाव के कारण निश्चित रूप से प्रेत बाधा तथा अनिष्टकारी प्रभाव समाप्त करने का यह उत्तम उपय है। इमली के वृक्ष से तो सभी परिचित हैं ही इसे तंत्र क्रिया में भी लोग विशिश्ट रूप से प्रयुक्त करते हैं,

ऋण से मुक्ति के लिये असाध्य रोग निवारणार्थ, निःसंतान दम्पत्ति को संतान प्राप्ति के लिये तथा विशेष रूप से विद्यार्थियों को शिक्षा में उच्च सफलता की प्राप्ति के लिये किसी भी शनिवार के दिन दोपहर में श्री रामचंद्र जी के मंदिर में इमली वृक्ष का रोपड़ करें व लगातार 11 शनिवार तने में तेल का दीपक लगावें, निश्चित ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। जिनके घर में पितृ दोष की संभावना हो तथा जिनकी जन्म कुंडली में पितृ दोष हो तो एकादशी के दिन घर के मुख्य द्व ार के समीप तुलसी वृख का रोपड़ कर प्रतिदिन पुजन व दर्शन मात्र से पितृ दोष के कारण उत्पनन समस्या दूर हो जाती है। प्रियजन की आत्मशान्ति व सद्गति प्राप्ति के लिये बालक की मृत्यु होने पर उद्यान या श्री गणेश मंदिर में अमरूद (जामफल) और इमली वृक्ष का रोपड़ करें। युवा की मृत्यु होने पर, श्मशान (मुक्तिधाम) में नीम और बेल वृक्ष का रोपड़ करें, युवती की मृत्यु होने पर देवी मंदिर में शुक्रवार के दिन पीपल और अशोक वृक्ष का रोपड़ करें। विवाहिता स्त्री की मृत्यु होने पर सीताफल और अशोक वृक्ष का रोपड़ करें, वृक्ष का रोपड़ सूतक अवस्था की समाप्ति के उपरांत ही करें तथा सदैव उसका ध्यान रखें। उपरोक्त उपाय से गया श्राद्ध के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। नवग्रह संबंधी जन्म कुंडली में अनिष्ट दोष को दूर करने के लिये ज्योतिष में कई उपायों का वर्णन है परंतु नवग्रह पीड़ा से बचने के लिये सबसे उत्तम सरल सुगम विधि संबंधित ग्रह के वृक्ष का रोपड़ उपयुक्त है। सूर्य: जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य नीच का या शत्रु ग्रही हो, जिन्हें हृदय रोग व नेत्र संबंधित समस्या हो तथा आई. ए. एस. अधिकारी, न्यायाधीश व मंत्रियों को उच्च पतिष्ठा व सम्मान के लिये सफेद आंकड़े व बेल वृक्ष का रोपड़ रविवार के दिन विष्णु मंदिर में करने से शीघ्रता शीघ्र लाभ प्राप्त होता है, सिंह राशि के जातक को भी यह उपायें उपयुक्त हैं। 
चंद्र: चंद्रमा से जलीय पदार्थ का विचार किया जाता है, जिनकी राशि कर्क ह व जन्म कुंडली में चंद्र नीच का व शत्रु ग्रही हो उन्हें तथा औषधियों के विक्रेता, सिंचाई विभाग, कृषक, डेरीफार्म तथा मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को पलाश व चंदन वृक्ष का रोपड़ सोमवार के दिन शिव मंदिर में करें। मंगल: मंगल शक्ति का प्रतीक है, यह एक अग्नि तत्व का ग्रह है जिन जातक की जन्म कुंडली में मंगल कर्क राशि गत 28 अंश का है, तथा जिनकी जन्म कुंडली मांगलिक प्रभाव युक्त हो उन्हें अनिष्ट प्रभाव शांति के लिये तथा सैनिक, पुलिस विभाग में कार्यरत मेष व वृश्चिक राशि वाले जातक को खेर व अनार का रोपड़ मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में करना लाभप्रद रहता है। बुध: बुध पृथ्वी तत्व का ग्रह है, जिनकी जन्म कुंडली में बुध शत्रु ग्रही व 15 अंश पर मीन राशि में नीच का हो, उन्हें तथा गणितज्ञ, लेखन कार्य करने वाले, क्लर्क, के लिये दरोप (दूर्वा) व आंवले वृक्ष का रोपड़ बुधवार के दिन श्री गणेश मंदिर या विद्यालय में रोपड़ करना चाहिए। 

बृहस्पति (गुरु): वाराह मिहिर ने गुरु को ‘गौर मात्र’ बताया है, यह सतोगुणी व आकाश तत्व का पुरुष ग्रह है, जिनकी राशि धनु व मीन हो, जिनकी जन्म कुंडली में गुरु अस्तगत व पांच अंश पर मकर राशि का हो उन्हें तथा वेदपाठी यज्ञाचार्य, अध्यापक, न्यायाधीश को उच्च सफलता प्राप्ति के लिये बृहस्पतिवार के दिन श्री राम या श्री विष्णु मंदिर में पीपल वृक्ष का रोपड़ करना शुभप्रद रहता है। शुक्र: शुक्र राजस प्रकृति, स्त्रीग्रह व जल तत्व है। जिनकी राशि वृषभ व तुला है, जिनकी जन्म कुंडली में शुक्र कन्या राशिगत नीच का है उन्हें तथा संगीतज्ञ, गायक, श्रृंगार संबंधी सामग्री के विक्रेता, कलाकार वर्ग को उचच लाभ प्रतिष्ठा हेतु उदुम्बर, आशोक या सीताफल वृक्ष का रोपड़ देवी मंदिर में शुक्रवार को करें। 

शनि: शनि मकर व कुंभ राशि का स्वामी, वायु तत्व है। जिनकी जन्म कुंडली में शनि, सूर्य व मंगल का योग हो उनके लिये शनि घातक होता है, सूर्य शनि का योग पिता से विरोध उत्पन्न करता है, इसके अनिष्ट प्रभाव से वात रोग, पैरों में रोग, चित्त भ्रमित रोग की संभावना रहती है, जिन्हें शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें तथा लोहे के व्यापारी, वकालत के क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति, तेल के व्यापारी को शनि देव की संतुष्टि व प्रसन्नता के लिये शमी वृक्ष का रोपड़ शनिवार के दिन शनि मंदिर के समीप या दक्षिणाभिमुख श्री हनुमान मंदिर में करना चाहिए। साथ ही पक्षियों के रहने की व्यवस्था करना व वृद्धजनों की सेवा द्वारा भी शनि देव विशेष रूप से संतुष्ट होते हैं। राहु-केतु: राहु-केतु छाया ग्रह है

 जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प योग हो, कार्य में लगातार विघ्न आने पर इनके अनिष्ट प्रभाव से व्यक्ति को पिशाच पीड़ा, नेत्र रोग, भूत प्रेतादि बाधा, भय जन्य रोग, विषजन्य रोग उत्पन्न होते हैं। इसके अनिष्ट प्रभाव के निवारणार्थ, दर्भ, अष्टगंध व चंदन का वृक्ष शिव मंदिर में रोपड़ करना चाहिए तथा लगातार 21 दिन तक मछलियों को रामनाम उच्चारण सहित गोलियां खिलाने से भी अनिष्ट प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। वृष रोपड़ का समय स्थान व उसकी सुरक्षा विशेष महत्वपूर्ण है 

जिससे किये गये कर्म का पुण्य लाभ प्राप्त हों। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के समीप पाकर, नीम, आम, बहेड़ा, पीपल, बेर, गूलर, इमली, केला, बेल, खजुर आदि वृक्ष का होना अशुभ माना गया है। घर के समीप चंपा, अशोक, कटहल, चमेली, शाल, मौलसिरी आदि वृक्ष शुभ फल प्रदान करने वाले कहे गये हैं। ‘बृहत्संहिता’ व ‘समरांगणसूत्रधार’ के अनुसार जिस घर के आंगन में नींबू, अनार, केला व बेर उगते हैं उस घर की वृद्धि में बाधा उत्पन्न करते हैं। ‘बृहदैवज्ञ’ के अनुसार जिस घर में पीपल, केला, कदम्ब, बीजू, नींब का वृक्ष होता है उसमें रहने वाले की वंश वृद्धि में रूकावट उत्पन्न करता है। भविष्य पुराण के अनुसार घर के भीतर लगायी गई तुलसी धन-पुत्र व हरि भक्ति देने वाली होती है प्रतःकाल तुलसी का दर्शन करने से जाने अनजाने हुए पाप तुरंत समाप्त हो जाते हैं व सुवर्ण दान का फल प्राप्त होता है। घर के दक्षिण की ओर तुलसी वृक्ष का रोपण अनिष्टकारी माना गया हैं घर के समीप अशुभ वृक्ष होने पर वृक्ष व घर के मध्य में शुभ फल देने वाले वृक्ष को लगा देना चाहिए। घर के समीप पीपल वृक्ष होने पर उसकी सेवा पुजा करते रहने से अशुभ फल प्राप्त नहीं होता।




मोहन तंत्र प्रयोग

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जिस कर्म के द्वारा किसी स्त्री या पुरुष को अपने प्रति मुग्ध करने का भाव निहित हो, वो ‘मोहनकर्म’ कहलाता है। मोहन अथवा सम्मोहन यह दोनों प्रायः एक ही भाव को प्रदर्शित करते हैं। मोह को ममत्व, प्रेम, अनुराग, स्नेह, माया और सामीप्य प्राप्त करने की लालसा का कृत्य माना गया है। मोहन कर्म की यही सब प्रतिक्रियाएं होती हैं। निष्ठुर, विरोधी, विरक्त, प्रतिद्वंदी अथवा अन्य किसी को भी अपने अनुकूल, प्रणयी और स्नेही बनाने के लिए मोहन कर्म का प्रयोग किया जाता है। मोहन कर्म के प्रयोगों को सिद्ध करने के लिए पहले निम्नलिखित मंत्र का दस हजार जप करना चाहिए।
ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्च मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’’
प्रयोग से पूर्व प्रत्येक तंत्र को पहले उपर्युक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर लेना चाहिए। मोहन कर्म के प्रयोग निम्नलिखित है:-
1. तुलसी के सूखे हुए बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस में पीसकर ललाट पर तिलक के रूप में लगाएं।
2. असगंध और हरताल को केले के विविध तंत्र प्रयोग डाॅ. निर्मल कोठारी रस में अच्छी तरह से पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा मस्तक पर तिलक लगाएं तो देखने वाले मोहित हो जायेंगे।
3. वच, कूट, चंदन और काकड़ सिंगी का चूर्ण बनाकर अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने अथवा इसी चूर्ण का मस्तक पर तिलक लगाने से मनुष्य, पशु, पक्षी जो भी देखेगा मोहित हो जाएगा। इसी प्रकार पान की मूल को घिसकर मस्तक पर उसका तिलक करने से भी देखने वाले मोहित होते हैं।
4. केसर, सिंदूर और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक करने से लोग मोहित होते हैं।
5. श्वेत वच और सिंदूर पान के रस में पीसकर एवं तिलक लगाकर जिसके भी सामने जाएंगे वो मोहित हो जाएगा।
6. अपामार्ग (जिसे औंगा, मांगरा या लाजा भी कहते हैं) धान की खील और सहदेवी - इन सबको पीसकर उसका तिलक करने से व्यक्ति किसी को भी मोहित कर सकता है।
7. श्वेत दूर्वा और हरताल को पीसकर तिलक करने से मनुष्य तीनों लोकों को मोहित कर लेता है।
8. कपूर और मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक करने से अभीष्ट स्त्री-पुरुष को मोहित कर सकता है।
9. तंत्र साधक गूलर के पुष्प से कपास के साथ बत्ती बनाए और उसको नवनीत से जलाए। जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल पारे तथा उस काजल को रात्रिकाल में अपनी आंखों में आंज ले। इस काजल के प्रभाव से वो सारे जगत् को मोहित कर लेता है। ऐसा सिद्ध किया हुआ काजल कभी किसी को नहीं देना चाहिए।
10. श्वेत धुंधली के रस में ब्रह्मदंडी की मूल को पीसने के बाद शरीर पर लेप करने से सारा संसार मोहित हो जाता है।
11. बिल्व पत्रों को लाने के बाद उन्हें छाया में सुखा लें। फिर उन्हें पीसकर कपिला गाय के दूध में मिलाकर गोली बना लें। उस गोली को घिसकर तिलक करने से देखने वाला तन, मन और धन से मोहित हो जाएगा।
12. श्वेत मदार की मूल और श्वेत चंदन-इन दोनों को पीसकर उसका शरीर पर लेप करें। इस क्रिया से किसी को भी सहज ही मोहित किया जा सकता है।
13. श्वेत सरसों को विजय (भांग) की पत्ती के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करें। अब जिसके सामने भी जाएंगे वो मोहित हो जाएगा।
14. तुलसी के पत्तों को लाकर उन्हें छाया में सुखा लें। फिर उनमें विजया यानी भांग के बीज तथा असगंध को मिलाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। तत्पश्चात उसकी चार-चार माशे की गोलियां बनाकर प्रातः उठकर खाएं। इससे सारा जगत मोहित हुआ प्रतीत होता है।
15. कड़वी तुंबी के बीजों के तेल में कपड़े की बत्ती बनाकर जलाएं और उससे काजल पार कर आंखों में अंजन की भांति लगाएं। अब जिसकी तरफ भी दृष्टि उठाकर देखेगें, वो मोहित हो जाएगा।
16. अनार के पंचांग को पीसकर उसमें श्वेत धुंधली मिलाकर मस्तक पर तिलक लगाएं। इस तिलक के प्रभाव से कोई भी मोहित हो सकता है।

2. स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है।
1. ‘‘ऊँ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा। अयुतजपात् सिद्धि र्भवति। अष्टोत्तरशत जपात् प्रयोग (सिद्धिम) भवति।।’’ ‘‘ऊँ नमो इत्यादि अग्नि स्तंभन का मंत्र है। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है:
2. घी व ग्वार के रस में आक के ताजा दूध को मिलाकर, शरीर पर उसका लेप करने से भी अग्नि स्तंभन होता है।
3. केले के रस में घृतकुमारी व ज्वारपाठा के रस को मिलाकर शरीर पर लेप करने से शरीर अग्नि में घिरा होने पर भी नहीं जलता है।
4. पीपल, मिर्च और सौंठ को कई बार चबाकर निगल लें। इसके पश्चात् मुंह में जलता हुआ अंगारा भी रखें, तब भी मुंह नहीं जलेगा।
5. चीनी के साथ गाय के घृत को पीकर अदरक के टुकड़े को मुंह में डालकर चबाएं फिर तपे हुए लोहे के टुकड़े को मुंह में रखे तो वह भी बर्फ की भांति ठंडा प्रतीत होगा।
6. ‘‘ऊँ नमो दिगंबराय अमुकस्य स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा। अयुत जपात् मंत्रः सिद्धो भवति। अष्टोत्तर शत जपात् प्रयोगः सिद्धो भवति। उपर्युक्त मंत्र का दस हजार जप करने से मंत्र सिद्ध होता है और आवश्यकता होने पर एक सौ आठ बार जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र - ‘अमुकस्य’ के स्थान पर जिसके आसन पर स्तंभन करना हो उसका नाम लेना चाहिए।
7. भांगरे के रस में सरसों (सफेद) को पीसकर, मस्तक पर उसका लेप करके जिसके सम्मुख भी जाएंगे उसकी बुद्धि का स्तंभन हो जाएगा।
8. अपामार्ग और सहदेई को लोहे के पात्र में डालकर पींसें और उसका तिलक मस्तक पर लगाएं। अब जो भी देखेगा उसका स्तंभन हो जाएगा।
9. भांगरा, चिरचिटा, सरसों, सहदेई, कंकोल, वचा और श्वेत आक इन सबको समान मात्रा में लेकर कूटें और सत्व निकाल लें। फिर किसी लोहे के पात्र में रखकर तीन दिनों तक घोटें। अब जब भी उसका तिलक कर शत्रु के सम्मुख जाएंगे, तो उसकी बुद्धि कुंठित हो जाएगी।
10. ऊँ नमो भगवते महाकाल पराक्रमाय शत्रूणां शस्त्र स्तंभन कुरु-कुरु स्वाहा। प्रयोग विधि मंत्र: एक लक्ष जपामंत्रः सिद्धो भवति नान्यथा। अष्टोत्तरशत जपात् प्रयोगः सिद्धयति ध्रुवम्।। उपरोक्त मंत्र का एक लाख जप करने से वह सिद्ध हो जाता है और जब इसका प्रयोग करना हो, एक सौ आठ बार पुनः जप कर प्रयोग करें तो यह प्रयोग सफल होता है।
11. पुष्य नक्षत्र वाले रविवार के दिन अपराजिता की मूल को उखाड़कर मुंह में रखने अथवा सिर पर धारण करने से शस्त्र स्तंभन हो जाता है।
12. रवि पुष्य के दिन श्वेत गुंजा की मूल को लाकर धारण करें तो युद्ध में शत्रु के शस्त्र का भय नहीं रहता अथवा उसके शस्त्र का स्तंभन हो जाता है।
13. खजूर की मूल को पैर और हाथ में धारण करने से खंजर-शस्त्र का स्तंभन हो जाता है।
14. जामुन की मूल को हाथ पर और केबड़े की मूल को मस्तिष्क पर तथा ताड़ की मूल को मुंह में रखने से शस्त्र चाहे जिस प्रकार हो, उसका स्तंभन हो जाता है। इन तीनों जड़ों का चूर्ण बनाकर घृत के साथ सेवन करने से आक्रमणकारी के शस्त्र का स्तंभन हो जाता है।
15. चमेली की मूल को मुख में रखने से किसी भी शस्त्र का भय नहीं रहता। रविवार को पुष्य नक्षत्र आने पर अपामार्ग की मूल लाकर उसे पीस लें और शरीर पर उसका लेप करें तो सभी प्रकार के शस्त्र से स्तंभन हो जाता है।
16. ऊँ नमः काल रात्रि त्रिशूलधारिणी। मम शत्रुसैन्य स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा। एक लक्षजपाच्यापं मंत्रः सिद्धः प्रजायते। उपरोक्त शतजपात् प्रयोगे सिद्धिरूतमा।। से भी गर्भ स्तंभन होता है। रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र हो, तब काले धतूरे की मूल लाकर गर्भिणी स्त्री की कमर में बांध दें। इससे गर्भ का स्तंभन होता है।
17. मिट्टी के एक पात्र में श्मशान की भस्म से शत्रु का नाम लिखें और उसे नीले सूत्र से बांधकर एक गहरे गड्ढे में गाड़ दें। तदनंतर उस पर एक पत्थर रखकर ढांप दें। ऐसा करने से शत्रु की पूरी सेना का ही स्तंभन हो जाता है।
18. ऊँ नमो भगवते महारौद्राय गर्भस्तंभनं कुरू कुरू स्वाहा।। इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए 1 लाख जप करना जरूरी है। अन्यथा प्रयोग सफल नहीं होंगे। जब भी प्रयोग करना हो तो एक सौ आठ बार जप अवश्य करें।

प्रयोग:

19. केशर, शक्कर, ज्वारपाठा और कुंदपुष्प को समान मात्रा में शहद में मिलाकर खाने से गर्भपात से रक्षा होती है।
20. ऋतुस्नाता स्त्री यदि रेंडी के बीज को निगल ले तो उसका गर्भ कभी नहीं गिरता। कमर में धतूरे का बीज बांधन घर में हर समय कलह बनी रहेगी।
21. कुम्हार के हाथ से लगी हुई चाक की मिट्टी को शहद में मिलाकर बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गर्भ का स्तंभन होता है।

3. विद्वेषण तंत्र प्रयोग:

‘ द्वेष’ का अर्थ है दूसरों के लाभ में अवरोध उत्पन्न करना है इसी द्वेष भावना का क्रियात्मक रूप ‘विद्वेषण’ कहलाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है किन्हीं दो लोगों के बीच फूट, विद्रोह, उपद्रव, अविश्वास और शत्रुता के भाव उत्पन्न करके विघटन की उत्पत्ति करना।
ऊँ नमो नारदाय अमुकस्याकेन सहविद्वेषणम् कुरु-कुरु स्वाहा। इस मंत्र का एक लाख जप करने से यह सिद्ध हो जाता है और जब कोई तंत्र प्रयोग करना हो तो पहले मंत्र का एक सौ आठ बार जप करके सिद्धि प्राप्त कर लेनी चाहिए। मंत्र में अमुक के स्थान पर जिस पर प्रयोग करना हो उसके नाम का उच्चारण करें।

प्रयोग:

1. शेर और हाथी के दांतों को गाय के मक्खन के साथ पीसकर जिनके नामों से आग में हवन किया जाएगा, वे विद्वेषण के प्रभाव में आ जाएंगे।
2. कुत्ते के बाल तथा बिल्ली का नाखून मिलाकर जहां जलाया जाएगा वहां के लोगों में विद्वेषण उत्पन्न हो जाएगा।
3. साही का कांटा जिसके मकान के मुख्य द्वार पर गाड़ दिया जाएगा, उस उपर्युक्त मंत्र के एक लाख जप से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और प्रयोग के समय एक सौ आठ बार जप करके प्रयोग करने से सैन्य स्तंभन होता है।
4. जब कभी भी दो व्यक्तियों के बीच द्वेष उत्पन्न करना हो, तो उनके पैरों की मिट्टी को सान एवं गूंधकर उससे एक पुतली बनाएं और श्मशान में ले जाकर उसे भूमि में गाड़ दें। इस क्रिया को करने से उनके बीच द्वेष उत्पन्न हो जाएगा।
5. कोई भाषण या समारोह चल रहा हो, तो भैंसे और घोड़े के बालों को परस्पर मिलाकर जलाएं। इससे सभा या समारोह में भगदड़ मच जाएगी।
6. एक हाथ में कव्वे का पंख और दूसरे हाथ में उल्लू का पंख लेकर विद्वेषण के मंत्र से अभिमंत्रित करें और उन दोनों पंखों को फिर काले सूत से बांधकर जिस घर में गाड़ दिया जाएगा, उस घर में रहने वालों का आपस में झगड़ा हो जाएगा।

4. वशीकरण तंत्र प्रयोग:

वशीकरण का अर्थ वश में करना है। वह कर्म जिसके द्वारा प्रयोगकर्ता अभीष्ट प्राणी को अपने वश में कर लेता है ‘वशीकरण कहलाता है। वस्तुतः यह आकर्षण और मोहनकर्म का चरम विकसित और अत्यधिक प्रभावी रूप है।


Thursday, 30 June 2016

महामृत्युंजय के 12 सिद्ध प्रयोग जो दिलायंगे साक्षात महाकाल का आशीर्वाद !

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महामृत्युंजय के 12 सिद्ध प्रयोग जो दिलायंगे साक्षात महाकाल का आशीर्वाद !

महामृत्युंजय तंत्र के इन प्रयोगों के द्वारा महादेव शिव शीघ्र प्रसन्न होते है तथा उनके आशीर्वाद स्वरूप अकाल मृत्यु से मुक्ति प्राप्त होती है, रोग्य (पूर्ण स्वस्थ शरीर) की प्राप्ति, ग्रह-नक्षत्र दोष, नाड़ी दोष, मांगलीक दोष, शत्रु षडाष्टक दोष, विधुरदोष, वैधव्य दोष, अधिक कष्ट देने वाले असाध्य रोग और मृत्यु तुल्य मानसिक और शारिरिक कष्टों का निवारण होता है.
और प्रारब्धकर्म, संचित कर्म अौर वर्तमान कर्मो का नाश होता है. आज हम महमृत्युंज्य तंत्र के उन 12 सिद्ध मंत्रो को जानेंगे जिनका प्रयोग बहुत ही सरल है तथा इन मंत्रो दवारा अति शीघ्र फल की प्राप्ति होती है.

1 सूर्य ग्रह शान्ति, सुख समृद्धि तथा ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए :-

रविवार को एक ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमे गुड और लाल चंदन मिलाकर उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें तथा महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करें. इस प्रयोग से आपके घर में सुख समृद्धि आएगी, ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, लक्ष्मी का वास होगा तथा सूर्य ग्रह शांत होंगे.

2 मनोकामना पूर्ति के लिए :-

महादेव शिव को शिव रात्रि के दिन 108 नीबुओं की माला बनाकर पहनाए तथा अमावश्या के दिन उस नीबुओं की माला को उतारकर नीबुओं को अलग-अलग कर दे. महामृत्युंजय के मन्त्र के साथ नीबुओं का हवन करने से को एक मनोकामना की पूर्ति होती है.

3 अचानक आये संकट के नाश के लिए :-

महामृत्युंजय का जाप के साथ जायफल की आहुति देने से सभी रोगों का नाश होता है और अचानक आई हुई विपदा का निवारण होता है.

4 सभी रोगों के नाश और उत्तम स्वास्थ प्राप्ति के लिए :-

यदि कोई व्यक्ति भयंकर रोग से ग्रसित हो तो उसे इस रोग से मुक्ति दिलाने के लिए महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करते हुए भगवान शिव के पारद शिवलिंग का प्रतिदिन सवा घंटे तक जलाभिषेक करना चाहिए तथा उसके बाद अभिषेक किये हुए जल का थोड़ा सा पानी हर रोज रोगी को पिलाना चाहिए. इस प्रयोग से रोगी का बहुत ही पुराना रोग या मृत्यु के समान कष्ट देने वाला रोग भी समाप्त हो जाता है.

5 स्वास्थ लाभ के लिए :-

सर्व प्रथम आप तांत्रिक महा मृत्युञ्जय के 1,37,500 मंत्र जाप का अनुष्ठान करके मंत्र सिद्धि प्राप्त करें तत्पश्चात जब कभी कोई , नजर दोष से पीडित बच्चे , टोने टोटकों से या तांत्रिक क्रिया से परेशान कोई व्यक्ति आए तो उसे मोर पंख से झाड़ा (झाड़नी) देने से समस्त समस्याओं का समाधान हो जाएगा.

6 धन लाभ की प्राप्ति, व्यापार में लाभ, उत्तम विद्या की प्राप्ति तथा तीव्र बुद्धि की प्राप्ति के लिए :-

प्रत्येक बुधवार को कांसे का पात्र लेकर उसमे जल के साथ दही, शक्कर तथा घी मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने से असीम धन के प्राप्ति होती है, व्यापार में लाभ होता है , उत्तम विद्या की प्राप्ति होती है व बुद्धि तीव्र होती है.

7 पुत्र प्राप्ति, सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ति के लिए :-

प्रति मंगलवार को ताँबे के पात्र में जल में गुड मिलाकर लाल फुल डालकर मृत्युञ्जय मंत्र जाप करते हुए शिव लिंग पर चढ़ानें से सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ति,पुत्र की प्राप्ति और स्वास्थ्य लाभ व शत्रुओं का नाश तथा मंगल ग्रह की शांति होती है.

8 विवाह, संतान तथा भौतिक सुख शांति प्राप्ति के लिए :-

प्रत्येक शुक्रवार को चांदी या स्टील के बर्तन में जल, दूध, दही, घी, मिश्री व शक़्कर आदि मिलाकर महामृत्युंजय का जाप करते शिव को अर्पित करने से तुरंत विवाह का योग बनता है, संतान की प्राप्ति होती है तथा भौतिक सुख प्राप्त होता है.

9 उत्तम विद्या, धनधान्य और पुत्र पौत्र सुख और मनोंकामना की पुर्ति के लिए :-

प्रति गुरू वार को काँसे या पीतल के पात्र में जल में हल्दी मिला कर मृत्युञ्जय मंत्र जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ानें से उत्तम विद्या की प्राप्ति, धनधान्य तथा पुत्र पौत्र आदि की प्राप्ति अौर बृहस्पति (गुरू) ग्रह की शांति होती हैं.

10 रोगी के स्वास्थ्य लाभ के लिए :-

शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग के पास आसन लगाकर कर बैठे तथा अपने समीप जल से भरा एक ताम्बे का पात्र रखे. तथा पांच माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. प्रत्येक माला के जाप के बाद उस जल से भरे ताम्बे के कलश में फुक मारते जाए इस तरह पांच बार माला जाप के साथ उस जल से भरे ताम्बे के पात्र में पांच बार फुक मारे इसके बाद उस जल को रोगी को पिलाए. यह अचूक उपाय है तथा इस के द्वारा रोगी के स्वास्थ में आश्चर्यजनक लाभ होगा.

11 मानसिक कष्ट, शत्रु भय,आर्थिक संकट निवारण और धनधान्य, व्यापार की वृद्धि राज्य प्राप्ति के लिए:

शनिवार को बादाम तेल और जैतुन तेल मे गुलाब और चंदन इत्र मिलाकर एक करके चोमुखी(चार बत्ती वाला) दीपक शिव मन्दिर मे जलाकर लोहे या स्टील के पात्र में सरसो के तेल भरकर मृत्युञ्जय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ानें से मानसिक कष्ट का निवारण होता है, शत्रुओं का नाश होता हैं, व्यापार मे उन्नति या नौकरी में उन्नति होती है, धनधान्य की वृद्वि होती है, अपने कार्य क्षेत्र में राज्य की प्राप्ति होती है .

12 मानसिक शांति और मनों कामना की पूर्ति के लिए :

प्रति सोमवार को चाँदी अथवा स्टील के पात्र में जल में दूध, सफेद तिल्ली और शक्कर मिलाकर मृत्युञ्जय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ानें से मानसिक शांति और मनोंकामना की पूर्ति तथा चन्द्र ग्रह की शांति होती हैं.

Tuesday, 10 May 2016

Online Vedic astrologers for Love spell

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Felling of love for anyone never dies if you have separated or have done breakup. When time moves on you realize your true feelings for that person and crave to get that person. Love spell are not a directly communicating system for people as almost people aware about the magic through movies. Many of us had the dream to learn these spells. But are these spells true? Spells are the inner power of us that are directly connected with our spirituality. In reality most of the people do not believe on the power of mantra and find them fake and rubbish.

Love spells astrology for marriage 

Vedic astrology love match

A lot of people exists who do not consider religion, many speculations that are associated with religion. But there is a power which is responsible to carry the world and his supernatural power is invisible to each one. These are some facts that are strictly followed by our religion and love spells, Vedic astrology specialists are part of this powerful system that make possible some tasks possible like get your love and other.
Existence of love in someone’s life is an enjoyable feeling that gives you an ultimate feeling. The person who experiences this terrific feeling would like to make every moment memorable with their partner. It is an obvious feeling that the person is very important in your life and you would not want to lose that men or women.

Love marriage Vedic astrology

Certainty of life and relationships no one holds. At any time any event is random and can change your life completely. In relationships we do not know when someone can get the dreadful point of separation. So if you do not want to regret tomorrow from losing your love then make it possible in present by keeping your love forever for you. Love spell for Vedic astrologer is the answer for it that will keep safe your love. Vedic astrology for love problems is an ancient service that is popular for its own dignity and successful results.  Love problems are not so tough that can be solved by the rich technique of Vedic astrology.

Sunday, 8 May 2016

सर्वजन वशीकरण प्रयोग

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सर्वजन वशीकरण प्रयोग


षट्कर्म प्रयोगों की अपनी ही एक उपयोगिता हैं और उनका निर्माण भी मानव जीवन को सुखमय और उन्नति युक्त बनाये रखने के लिए हुआ हैं, यह जरुर हैं की किस भावना और उदेश्य को लेकर इन प्रयोगों को किया जाए, उस पर व्यक्ति की अपनी  ही एक सोच  और कारण हो़ता हैं,एक योग्य साधक परिस्थति के अनुसार निर्णय कर अपने आप को जब उपयुक्त समझता हैं तब इन विधाओ का प्रयोग करता हैं न की किसी के  उकसावे मे आकर या  किसी भावना के वश मे होकर क्योंकि प्रभाव तो होता ही हैं .
 इन षट्कर्म प्रयोग मे एक प्रयोग हैं  वशीकरण ..यूँ  तो कहा भी गया हैं वशीकरण एक मंत्र हैं तज दे  वचन कठोर . पर हर जगह हर परिस्थितयों मे  तो यह बात नही हो सकती हैं न ..कई की बार ऐसी परिस्थितयां बन् जाती हैं की  व्यक्ति के हाथ मे प्रयास मात्र  इतने से कुछ नही होता बल्कि  उसे साधना का भी सहयोग लेना ही पड़ता  हैं,और साधना का मतलब ही हैं की जो  मर्यादानुकूल,सामाजिक नियमानुकुल हो उसे यदि वह भाग्य मे न हो  तो भी उसे प्राप्त कर लेना.

वशीकरण साधनाओ  को बहुत ही हेय दृष्टी से देखा जाता हैं कारण भी हैं क्योंकि अनेको ने इस साधनाओ का  दुरुपयोग ही ज्यादा किया हैं.पर इससे  इन साधनाओ की उपयोगिता  तो समाप्त नही हो जाती  हैं.एक सुयोग्य साधक का  कर्तव्य हैं की  जब भी समय मिले इन साधनाओ  को सम्पन्न करता जाए  तभी तो साधना जगत मे निरंतरता बनी रही सकती हैं,

  आज के समय मे...  क्योंकि यह  युग शुक्र ग्रह से कहीं ज्यदा प्रभावित हैं तो जीवन मे  सुख विलास  की चीजों के प्रति व्यक्ति का  रुझान कहीं ज्यादा  होता गया हैं और जीवन मे प्रेम और स्नेह की अपनी ही एक महत्वता हैं पर जब किसी भी कारण  से परिस्थितियाँ साथ न दे  रही हो तब सारी परिस्थिति  को अपने अनुकूल करने के लिए इन सरल  साधनाओ  की अपनी ही एक उपयोगिता हैं जिसे कमतर नही आँका जा सकता हैं .

पर इन साधनाओ का प्रयोग कर किसी का जीवन नष्ट करना या अपनी कुत्सिक  भावनाओं  की पूर्ति कतई उचित नही हैं ऐसा करने पर हानि  ही ज्यादा  होती हैं .क्योंकि आज समय ऐसा हैं कि लोग राह चलती लड़की पर प्रयोग कर दें.ऐसा कतई न करें अन्यथा कुछ भी किसी के साथ अशुभ किये जाने पर व्यक्ति उसका स्वयं ही जबाब देह  होगा .

आसन और वस्त्र पीले रंग के हो . दिन शुक्रवार का हो समय प्रातः या रात्रि काल पीले रंग की हकिक माला मंत्र जप केलिए उपयुक्त होगी.
  
अमुक की जगह  इच्छित व्यक्ति का नाम ले  जिसे आप अपने अनुकूल करना चाहते  हैं वह स्त्री, पुरुष,अधिकारी कोई भी हो सकता हैं.

मंत्र:
 चिटि चिटि चामुंडा  काली काली महाकाली  अमुकं मे वशमानय  स्वाहा ||

आपको दस हजार मंत्र  करना हैं और मंत्र जप पूरा  होने   के बाद  एक हजार बार इसी मंत्र की आहुति  देना हैं ,आहुति आप  हवन सामग्री मार्केट मे मिलती हैं, वहां से ले आ सकते हैं .दिनों की सख्या निश्चित नही हैं पर आप पांच  या सात  दिन मे पूरा कर ले क्योंकि मात्र  १०० माला  मंत्र जप तो करना हैं .

प्रयोग सम्पन्न होने पर आप स्वयम ही पायेंगे की किस तरह आपके लिए अनुकूल वातावरण  बन् गया हैं, पर ध्यान रहे इस प्रकार के मंत्र मे आपकी एकाग्रता  और निष्ठा  और इनके प्रति आपका विश्वास कहीं जयादा गहरी भूमिका निभाता हैं . 



Sunday, 1 May 2016

Online love problem solution

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Love problem specialist astrologer

Love is the base of life. Without love, life is nothing. It provides a lot of peace and relaxes in our mind. For the strong and healthy relationship love is essential because it create the feeling and emotion in the people's heart. When a person is not in love, is pissed off from his/her life. He wants to live alone in his life. Without having someone in your life is like all your frustration, your irritation is building a whole in your mind. To maintain your mind in a working condition love is a compulsory factor. Love provides a partner to whom you can share everything & sometime getting the good suggestion and solution from your partner side. He/she is the only one who can understand you and your problem very well. Even, in your bad times, he/she is the only person who stands with you. There are many love problem specialist astrologer in the market. But our love problem specialist astrologer is the perfect and dynamic astrologer for removing your love problem from your life.

Online love problem solution

Online love problem solution  has  become  very  popular  among  the  people  because this  fast  communication  media  is  easily  accessible  by  almost  group of  people. Manifestation  of  your  feelings in  love  relationship  is  best  solution to make  it  very strong. Online solution of love problems is a best idea to solve your trouble because  you do not  to  need  meet  him and  by  regularly  online  conversation  with  him  you  can  find  the  solution  of  the  trouble.  Specialist  astrologer  behind  the  love problem  need name  of  you  partner  whom  with  you  want  to  resolve  disputes.
Problems in life are symbol of its naturality because dark and light shade is part of this human life. In relationship problems always along with it but it does not mean a relationship will always be covered with troubles. These problems are just for instant time if you deal with them maturity. True love for your partner is the solution of any kind of problem that can make your relation safe and secure.

Online love problem specialist astrologer

Love Astrologer all online love problems are organized by a specialist of love problem. These solutions are not given by any random person even at the back end of these online media specialist astrologer is active all the time for you and you can ask your problem by messaging or emailing. He is an experienced person with plenty number of years and solved number of cases of love problems.

Online Love marriage problem solution

at times it seems not easy to discuss personals problems with anyone and you can not feel comfortable to share it with anyone. But without discussion you cannot find the solution when you own feeling unable to find the solution. Love marriage regarding troubles can be shared with a trustworthy matured person who is experienced and have any idea to solve it. Specialist of love marriage problem solution can emerge very effective measures that will make your life wonderful.
in your love life astrology has very significant place because calculation of positional celestial bodies decide your destiny regarding many events of life like love relationship, professional experiences etc.


Easy to solve Love problem issue

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Easy to solve Love problem issue:
Love is the base of life. Without love, life is nothing. It provides a lot of peace and relaxes in our mind. For the strong and healthy relationship love is essential because it create the feeling and emotion in the people's heart. When a person is not in love, is pissed off from his/her life. He wants to live alone in his life. Without having someone in your life is like all your frustration, your irritation is building a whole in your mind. To maintain your mind in a working condition love is a compulsory factor. Love provides a partner to whom you can share everything & sometime getting the good suggestion and solution from your partner side. He/she is the only one who can understand you and your problem very well. Even, in your bad times, he/she is the only person who stands with you. There are many love problem specialist astrologer in the market. But our love problem specialist astrologer is the perfect and dynamic astrologer for removing your love problem from your life.
Love is only feeling with the help of which we can remove the differences of color, caste. It brings a lot of joy and happiness that has the power to avoid all the discrepancies from life. It is a popular theme that Love is God, it is everything. No one can live without their lover. It is very typical task for a true lover to live without their life. A person who is in love does not want to justify his/ her lover with caste. It is an intimacy of romance and closeness of two souls. It is a sweet understanding that is proficient in further movement of love life. Sometime your relationship fills with the misconception and that create the imperfect love. A prosperous and happily life dream everyone see but you know without efforts dreams never come true. Now no chance to go wrong path, because our astrology is give the option to choose your perfect life partner in the under of love problem solutions branch and after that you can make perfect passage of love life because we never want that you think about the four letter of love with bad determination. Love problem solutions adviser Acharya Harish Chandra Dwivedi have great expertised in this segment. He can solve your post marriage and pre marriage love cases perfect and soft manner in the roof of love problem solutions.
But sometimes you are not able to understand our life partner and the result is breaking of a relation. Soon we realized that we cannot live without them. You find many astrologers for getting perfect solution for your love life, but you don't satisfy. But now, that time has gone. Love problem specialist astrologer can solve your love problem in a magnetic form. It is the ultimate pathway to get a permanent solution of your love problems through our love problem specialist astrologer. You want to know also about your future love life with the partner from our love specialist astrologer. Then you have many options to connect directly such as enquiry form, call, SMS, mail to our love problem specialist astrologer.


get your love back

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Love is a well known term, which is gives success in various activities. It is the final way to achieve peace. There is no time or age limit to fall in love. Love is a deep emotional feeling. Love shows a point that fills a person with positive energy. A person who is able to get marry with his/her desired love is the luckiest one on this earth. Love has a hidden thought. A person who is in love has the ability to overcome him/herself from any situation. Love is in air, in our breath. No one can leave him/her from this amazing feeling. In the life there are some situation and incident are not in our hand so that your love relation is break. After that you feel lonely find the techniques to get your love back but your all efforts are wasted then you search <b>get your love back specialist astrologer But in present time many astrologer are fake so alert from them.


From the ancient times, astrology places a large step in the human life. They want to move their whole life under the guidance of a perfect astrologer . Acharya Harish Chandra Dwivedi . Acharya Ji is a famous Vashikaran Specialist of get my love back. People typically use Vashikaran astrology with a desire to Get My Love Back. Vashikaran is normally used to Get My Love Back in life either it will be our ex or new one.

When your love ditches you, your feeling and emotion breaks and your life run against the track. You also know that no one relation is perfect in the world; its our duty that we have to make it perfect. In your life you really want to get my love back then you have to follow some instruction of us in the first factor you have to keep faith and spirit on your partner, in the second factor always keep positive feeling for your partner, in the third factor be happy in front of your partner. These are all simple instruction that can follow easily in your life to get my love back. Now we approach to the astrology also, because it also plays a significance role in this matter. For your perfect and well settled life to get my love back then in the world no one is comparable with Acharya Harish Chandra Dwivedi. Because his trick for love back are amazing.

Acharya Harish Chandra Dwivedi serves many services to the client in one of them get your love back is the best service offered by him, to those people who really want their lost love in their life. Acharya Harish Chandra Dwivedi has massive knowledge about the love astrology, so that who are suffered from the bad times where they lost their life partner because of small misunderstandings. Now they want that partner again in their life. Acharya Ji utilize many method to get your love back as follows astrology, black magic, Vashikaran, tantra and mantra, voodoo spell etc. You can make your lover to be in touch always with the help of our mantras. Our ideas will give you the right answer of your question which is how to get your love back? Our organization also provides the services across of India.